नई दिल्ली– अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किए जाने के फैसले पर मचे विवाद के बीच पीएम मोदी ने बड़ा एलान किया है। पीएम मोदी ने एलान किया है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति लगाई जाएगी। पीएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
पीएम ने कहा की महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए और साल भर चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में, सरकार ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक भव्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है। ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी, और देश के प्रति उनके ऋणी होने का प्रतीक होगी। प्रतिमा का काम पूरा होने तक नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 जनवरी, 2022 को शाम करीब 6 बजे इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4K प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा। एक अदृश्य, उच्च लाभ, 90% पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है कि यह आगंतुकों को दिखाई नहीं दे रही है। होलोग्राम का प्रभाव पैदा करने के लिए उस पर नेताजी की 3डी छवि पेश की जाएगी। होलोग्राम प्रतिमा का आकार 28 फीट ऊंचा और 6 फीट चौड़ा है।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधान मंत्री वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए अलंकरण समारोह में सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी प्रदान करेंगे। समारोह के दौरान कुल सात पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचानने और सम्मानित करने के लिए वार्षिक सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की स्थापना की है। पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को की जाती है। इस पुरस्कार में रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। 51 लाख और एक संस्थान के मामले में एक प्रमाण पत्र और रु। 5 लाख और एक व्यक्ति के मामले में एक प्रमाण पत्र।
स्वतंत्रता सेनानियों को उचित तरीके से सम्मानित करने का प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है। इन प्रयासों का विशेष ध्यान महान स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेता, नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर रहा है। इस संबंध में कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें यह घोषणा भी शामिल है कि हर साल उनकी जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी। इसी भावना से गणतंत्र दिवस समारोह एक दिन पहले यानी 23 जनवरी से शुरू हो जाएगा।