नई दिल्ली- बीते रविवार को नगालैंड के मोन जिले में सेना की फायरिंग में हुई 14 लोगों की मौत के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई हैं। राज्य सरकार ने घटना की जांच SIT को सौंप दी हैं। इसके साथ ही इस मामले में सेना ने भी कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी बैठा दी है। जिसकी जिम्मेदारी मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी को सौंपी गई है।
नागालैंड में हुई इस घटना के बाद नगालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके राज्यों में लागू AFSPA कानून हटाने की मांग की है।
जिसके बाद से अफस्पा ( AFSPA) कानून एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया हैं और हर कोई जानना चाहता हैं की आखिर AFSPA कानून हैं क्या और यह किसी भी राज्य में क्यों लगाया जाता है।
• सबसे पहले जानिए क्या है AFSPA
सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (AFSPA) को 11 सितंबर 1958 में उपद्रवग्रस्त पूर्वोत्तर इलाके में सेना को कार्यवाही में मदद के लिए पारित किया गया था।
• आइए जानते हैं की किसी भी राज्य या क्षेत्र में यह कानून क्यों लागू किया जाता हैं- अफस्पा कानून किसी भी राज्य या क्षेत्र में तब लागू किया जाता है, जब राज्य या केंद्र सरकार उस क्षेत्र को ‘अशांत क्षेत्र कानून’ अर्थात डिस्टर्बड एरिया एक्ट (Disturbed Area Act) घोषित कर देती है। यह कानून जहा पर भी लागू होता है वहां सेना या सशस्त्र बल को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का अधिकार मिल जाता है।
• क्या होता हैं ‘डिस्टर्ब एरिया ‘
जब किसी भी क्षेत्र में भाषायी, नस्लीय,धार्मिक, क्षेत्रीय समूहों, जातियों की विभिन्नता के आधार पर समुदायों के बीच आपसी मतभेद बढ़ जाता है तो ऐसी स्थिति में केंद्र या राज्य सरकार अधिनियम की धारा (3) के तहत किसी भी क्षेत्र को ‘डिस्टर्ब’ एरिया’ में घोषित कर देती हैं। और ‘डिस्टर्ब’ एरिया’ घोषित करते ही वहां अफस्पा कानून प्रभावी हो जाता हैं और उस क्षेत्र में महीने तक सेना या सशस्त्र बल की तैनाती रहती है।
• अफस्पा (AFSPA) कानून के अन्दर सेना को क्या अधिकार मिलते हैं आइए जानते हैं…
1-अफस्पा कानून लगते ही सेना को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाता हैं।
2– सशस्त्र बल या सेना बिना किसी वारंट के किसी भी घर की तलाशी ले सकती हैं, इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति अशांति फैलाते हुए बार बार कानून का उल्लंघन करता हैं तो सेना द्वारा मृत्यु तक बल का प्रयोग किया जा सकता है।
3-यदि सशस्त्र बलों या सेना को किसी घर या कहीं भी उपद्रवी या आतंकवादी छुपे होने का अंदेशा हो (जहां से हथियार बंद हमले का अंदेशा हो) तो उस स्थल या भवन को सेना द्वारा तबाह किया जा सकता है। इसके साथ ही यदि सुरक्षा बलों को किसी पर शक हो तो वह वाहन को रोक कर उसकी तलाशी भी ले सकती है।
4-अफ्सपा कानून में सशस्त्र बलों को एक बड़ा विशेषाधिकार यह मिलता है की उनके द्वारा गलत कार्यवाही करने पर भी, सशस्त्र बलों के ऊपर या खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नही की जाती है।
• AFSPA कानून का विरोध
सुरक्षा बलों पर कई बार डिस्टर्बड एरिया एक्ट का दुरुपयोग करने का आरोप लग चुका है। क्योंकि इसमें किसी को भी केवल शक के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता है। यही कारण है कि इस कानून को हटाने की हमेशा मांग उठती रही हैं।
• आखिर किन राज्यों में लागू है AFSPA कानून
AFSPA कानून असम, जम्मू कश्मीर, नागालैंड और इंफाल व मणिपुर में लागू है। साथ ही यह अरुणाचल प्रदेश के तिराप, छांगलांग और लांगडिंग जिले और असम से लगी सीमा पर यह कानून लागू है। इसके अलावा मेघालय में भी असम से लगती सीमा पर यह कानून लागू है।