नई दिल्ली– भारत निर्वाचन आयोग ने आज शनिवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ अलग-अलग आभासी बैठकें कीं जिसमें गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव, समेत इन पांच राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव आयुक्तों राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे के साथ महासचिव और संबंधित उप चुनाव आयुक्तों के साथ पांच चुनाव राज्यों में विशेष ध्यान देने के साथ वर्तमान स्थिति और COVID महामारी के अनुमानित रुझानों की व्यापक समीक्षा की। फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और मतदान कर्मियों के बीच पात्र व्यक्तियों के लिए पहली, दूसरी और बूस्टर खुराक के लिए टीकाकरण की स्थिति और कार्य योजना की भी समीक्षा की गई।
आयोग ने महामारी की अवधि के दौरान व्यक्तियों के एकत्र होने के मानदंडों को विनियमित करने वाले एसडीएमए के प्रतिबंधों और राज्य विशिष्ट मौजूदा दिशानिर्देशों पर भी चर्चा की।
जिसको देखते हुए अब, वर्तमान स्थिति, तथ्यों और परिस्थितियों के साथ-साथ इन बैठकों में प्राप्त इनपुट पर विचार करने के बाद, आयोग ने निर्णय लिया हैं की-
22 जनवरी, 2022 तक कोई रोड शो, पद-यात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैली और जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग बाद में स्थिति की समीक्षा करेगा और तदनुसार आगे निर्देश जारी करेगा।
22 जनवरी, 2022 तक राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों (संभावित सहित) या चुनाव से संबंधित किसी अन्य समूह की किसी भी शारीरिक रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हालांकि, आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए इस हद तक छूट दी है कि अधिकतम 300 व्यक्तियों की इनडोर बैठकें या हॉल की क्षमता का 50% या एसडीएमए द्वारा निर्धारित निर्धारित सीमा की अनुमति दी जाएगी।
राजनीतिक दल चुनाव से संबंधित गतिविधियों के दौरान सभी अवसरों पर कोविड के उचित व्यवहार और दिशा-निर्देशों और आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
8 जनवरी 2022 को जारी चुनावों के संचालन के लिए संशोधित व्यापक दिशा-निर्देश, 2022 में निहित सभी शेष प्रतिबंध लागू रहेंगे।
सभी संबंधित राज्य/जिला प्राधिकरण इन निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे।