नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को पांच मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात कर भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया।
इस बैठक में सभी देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त रुप से एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन देते हुए संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और इसके आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप पर जोर दिया इसके साथ ही बैठक में वर्तमान में मौजूदा मानवीय स्थिति पर चर्चा करते हुए अफगानीयो को तत्काल मानवीय सहायता देने को जारी रखने का निर्णय लिया गया।

इस दौरान मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने-अपने राष्ट्रपति के अभिवादन से अवगत कराया तथा भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके नेतृत्व के उत्साह को रेखांकित किया। विदेश मंत्रियों ने 18-19 दिसंबर 2021 को भारतीय विदेश मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित भारत-मध्य एशिया संवाद में हुए विचार-विमर्श के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी, जिसमें अफगानिस्तान की स्थिति समेत व्यापार और कनेक्टिविटी, विकास साझेदारी तथा क्षेत्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को बहुत महत्व देता है और इन देशों को अपने ‘विस्तारित पड़ोस’ का हिस्सा मानता है। उन्होंने मंत्रियों को इस वर्ष स्वतंत्रता की 30वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। उन्होंने 2015 में सभी मध्य एशियाई देशों और बाद में कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिज गणराज्य की अपनी यादगार यात्राओं को स्मरण किया। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में भारतीय फिल्मों, संगीत, योग आदि की लोकप्रियता को देखते हुए भारत और मध्य एशिया के बीच सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने भारत और मध्य एशिया के बीच बढ़े हुए आर्थिक सहयोग की संभावना और इस संबंध में कनेक्टिविटी की भूमिका को भी रेखांकित किया।