नई दिल्ली- तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में वायुसेना के हेलिकॉप्टर Mi-17 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस हादसे की असल वजह क्या थी। जिस वजह से ये हादसा हुआ है। लेकिन, अब इस दर्दनाक हादसे की वजह सामने आ सकती है। सेना ने घटनास्थल से ‘ब्लैक बॉक्स’ को बरामद कर लिया हैं। जिसके बाद अब हादसे की तस्वीर कुछ हद तक साफ हो सकती हैं।
बता दें की बुधवार को सेना का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी।
जिसके बाद से सैन्य अधिकारी दुर्घटना की असल वजह जानने के लिए हेलीकॉप्टर में मौजूद “ब्लैक बॉक्स” की तलाश कर रहे थे जो आज गुरूवार को मिल गया हैं।

•जानिए क्या होता हैं”ब्लैक बॉक्स”
किसी भी हेलीकॉप्टर या विमान में ब्लैक बॉक्स एक ऐसा उपकरण होता हैं जो फ्लाइट रिकार्डर की तरह काम करता है। और यह यह किसी भी विमान में उड़ान के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों को बारीकी से रिकॉर्ड करता हैं।इस बॉक्स को सुरक्षा की दृष्टि से विमान के पिछले हिस्से में फिट किया जाता है।
• ऊंचाई से गिरने के बावजूद भी सलामत बच जाता हैं यह बॉक्स
दरअसल ये ब्लैक बॉक्स टाइटेनियम का बना होता है जो काफी मजबूत धातु मानी जाती है। इस ब्लैक बॉक्स को टाइटेनियम के ही एक डिब्बे में बंद करके रखा जाता है। ताकि ऊँचाई से जमीन पर गिरने या समुद्री पानी में गिरने की स्थिति में भी इस बॉक्स को कम से कम नुकसान पहुंचे।
• दो तरह के होते हैं ‘ ब्लैक बॉक्स’
1. पहला ब्लैक बॉक्स फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर : इस ब्लैक बॉक्स में विमान की दिशा, ऊँचाई ,ईंधन,गति, हलचल, केबिन का तापमान समेत 88 प्रकार के आंकड़ों के बारे में 25 घंटों से अधिक की जानकारी को रिकॉर्ड करके रखता हैं। यह बॉक्स 11000°C के तापमान को एक घंटे तक सहन कर सकता है जबकि 260°C के तापमान को 10 घंटे तक सहन करने की क्षमता रखता है।
2. दूसरा कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर: यह बॉक्स विमान में अंतिम 2 घंटों के दौरान विमान की आवाज को रिकॉर्ड करता है। यह बॉक्स इंजन की आवाज, आपातकालीन अलार्म की आवाज , केबिन की आवाज और कॉकपिट की आवाज को रिकॉर्ड करता है। जिससे हादसे के बाद पता लगाया जा सके की हादसे के पहले विमान का माहौल किस तरह का था।