नई दिल्ली–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) विजेताओं से संवाद किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, राज्य मंत्री डा. मुंजपारा महेंद्रभाई और बच्चों के साथ उनके माता-पिता और संबंधित जिलों के डीएम भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके वर्ष 2022 और 2021 के लिए पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान किए।
इस साल 29 बच्चों को इस वर्ष प्रधान मंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार, सामाजिक सेवा , शैक्षिक , खेल , कला और संस्कृति में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए चुने गए हैं। वीरता श्रेणियां सम्मिलित हैं। पुरस्कार विजेताओं में 15 लड़के और 14 लड़कियां हैं।
इस दौरान प्रमाण पत्र के साथ ही 1,00,000/- रुपये का नकद पुरस्कार पीएमआरबीपी 2022 के पुरस्कार विजेताओं को दिया गया जिसे प्रधानमंत्री द्वारा विजेताओं के खातों में ऑनलाइन स्थानांतरित किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये पुरस्कार इस तथ्य के आलोक में और अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं कि उन्हें उस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान प्रदान किया गया है जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि यह अतीत से ऊर्जा लेने और आने वाले 25 वर्षों के अमृत काल में महान परिणाम प्राप्त करने के लिए खुद को समर्पित करने का समय है।
पीएम मोदी ने इस दौरान बच्चों से कहा कि पुरस्कारों के साथ आपको जिम्मेदारी भी मिली है। अब हर किसी की आपसे अपेक्षा भी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कुछ भी हो आपको दबाव नहीं लेना है, इन सब से प्रेरणा लेनी है। पीएम ने कहा कि आजादी की लड़ाई में वीर बाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस जैसे वीरों का ऐसा इतिहास है जो गर्व से भर देता है। इन सेनानियों ने छोटी उम्र में ही देश की आजादी को अपने जीवन का मिशन बना लिया था। उसके लिए खुद को समर्पित कर दिया था, आप सबको भी इन्हीं की तरह कार्य करने हैं।
पीएम मोदी ने बच्चों से संवाद के दौरान इंडिया गेट पर कल लगाई गई नेताजी सुभाषचंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का भी जिक्र किया। उन्होंने बच्चों को नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा। पीएम ने कहा कि जिस तरह नेताजी ने देश के लिए अपने कर्तव्यों को निभाया उसी प्रकार आपको भी देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना होगा।