
मुन्ना अंसारी लालकुआँ :- बरसात का मौसम शुरू होने से पहले अधिकारियों को फिर गौला नदी की याद आ गई है लेकिन हर वर्ष की समस्या ऐसे ही जस की तस बनी हुई है जिसका स्थाई समाधान शासन प्रशासन द्वारा नही किया जा रहा है मुख्य वन संरक्षक कुमांऊ डा. तेजस्विनी अरविन्द पाटिल द्वारा टीम के साथ गौला नदी में निरीक्षण किया गया आपदा निवारक कार्यों का निरीक्षण आज मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं द्वारा वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त दीप चन्द्र आर्य तथा तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार के साथ गत वर्ष अक्टूबर माह में अतिवृष्टि से आई आपदा के कारण हुए भू-कटाव एवं क्षति के दृष्टिगत बरती जा रही पूर्व सर्तकता को लेकर गौला नदी के देवरामपुर क्षेत्र में वन विभाग द्वारा किए जा रहे आपदा निवारक कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा क्षेत्र में गौला नदी के पश्चिमी तट पर हो रहे प्रवाह को पूर्वी तट की ओर मध्य में डायवर्जन हेतु बनाये गये मुख्य चैनल, प्रवाह को विभिन्न धाराओं में बांटने हेतु देवरामपुर गेट के अपस्ट्रीम में बनाये गये माइनर चैनल, गैवियन तटबन्ध, एवं गौला कारीडोर क्षेत्र का निरीक्षण किया तथा गत वर्ष के प्रवाह एवं वर्तमान में संभावित प्रवाह की जानकारी ली एवं आवश्यक निर्देश दिए तथा किए गये कार्यों पर सन्तोष व्यक्त किया व बनाये गये डायवर्जन चैनलों, तटबन्ध को आपदा राहत एवं बाढ नियंत्रण के दृष्टिकोण से कारगर बताया । उच्चाधिकारियों के निरीक्षण में वन क्षेत्राधिकारी गौला तथा सम्बधित क्षेत्रीय स्टाफ मौजूद था।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उतराखंड द्वारा आपदा निवारक कार्यों हेतु दिए गये निर्देशों के अनुपालन में गौला नदी के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में डायवर्जन चैनल एवं तटबन्ध निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जा रहे हैं ।