

मुन्ना अंसारी
हल्द्वानी :- लालकुआँ कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बिन्दुखत्ता चौकी इंचार्ज और अधिवक्ता में हुई मारपीट का मामला बढ़ता ही जा रहा है आज भाकपा माले नेताओ ने एसएसपी नैनीताल से चौकी इंचार्ज मनोज कुमार चौधरी द्वारा जनता के साथ अभद्रता, गैर-जिम्मेदाराना और पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का अरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग को लेकर शिकायती पत्र सौपा । आज भाकपा माले का एक प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट से उनके हल्द्वानी कार्यालय में मिला जिसमे एसएसपी ने शिष्टमंडल को सात दिन में जाँच का आश्वासन देते हुए कहा कि यदि एक प्रतिशत भी चौकी इंचार्ज की गलती निकली तो कार्यवाही की जाएगी ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि दिनांक 29 मई 2022 को बिन्दुखत्ता चौकी इंचार्ज मनोज कुमार चौधरी द्वारा बिन्दुखत्ता के घोड़ानाला गांव
में एक विवादित भूमि पर एक पक्ष को जबरन कब्जा दिलाये जाने के लिए अपने पुलिसकर्मियों के साथ दिन में
लगभग 2 बजे पहुंचे और निर्देश देकर अपनी सुरक्षा में एक पक्ष को दूसरे पक्ष द्वारा बोयी गई फसल को कटवाने
लगे। इस पर कई ग्रामीण इकट्ठा हो गये आपत्ति दर्ज करने लगे कि जब उक्त भूमि का कोर्ट में मामला लम्बित है तो पुलिस बिना किसी न्यायालय के आदेश पर एक पक्ष को संरक्षण देकर एकतरफा कार्यवाही कैसे कर रही है।
वहां मौजूद लोगों ने पुलिस द्वारा फसल नष्ट करवाने की वीडियो बनानी शुरू की तो चौकी इंचार्ज मनोज कुमार
चौधरी भड़क गये और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए लोगों के मोबाईल छीन लिए और मोबाईल न देने पर सोनू सिंह, नितिन खत्री और सुन्दर सिंह बोरा को पुलिस ने लाठी से पीटा और नितिन खत्री के दो मोबाईल छीन लिए इसी बीच खेत के किनारे सड़क पर खड़े अधिवक्ता षष्टीदत्त जोशी जब फोन हाथ में पकड़ कर खड़े थे तो उक्त
चौकी इंचार्ज मनोज कुमार चौधरी ने अधिवक्ता का फोन छीन लिया और वीडियो न बनाने को लेकर अभद्र व्यवहार व गाली गलौज कर दी । अधिवक्ता ने चौकी इंचार्ज के अभद्र व गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पर आपत्ति जताई और उक्त भूमि का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने की बात कही तो चौकी इंचार्ज ने गुंडे जैसा व्यवहार करते हुए अधिवक्ता के मुंह पर जोर से घूंसा मार दिया और पीटना शुरू कर दिया अधिवक्ता ने अपनी ओर से भी अपने बचाव
में प्रतिवाद किया इस पर अन्य पुलिसकर्मियों ने भी अधिवक्ता को लाठी से पीटना शुरू कर दिया और उनका मोबाईल छीनकर उनके साथ एक पेशेवर अपराधी सा व्यवहार करते हुए मारते- पीटते हुए हिरासत में ले लिया और उन्हें ही आरोपी बनाकर अधिवक्ता पर ही गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया जबकि उक्त भूमि विवाद से उनका सीधा कोई लेना-देना नहीं था वे सिर्फ मोबाईल हाथ में लिये हुए थे और एक अधिवक्ता सामाजिक और तर्कशील व्यक्ति होने के नाते उन्होंने सिर्फ चौकी इंचार्ज के अभद्र व्यवहार पर आपत्ति जताई थी और उक्त भूमि विवाद का न्यायालय में लम्बित होने की सूचना दी थी। जिसे चौकी इंचार्ज ने पूरे जिले की ब्रेकिंग न्यूज वाली बड़ी घटना में तब्दील कर दिया ।
ज्ञापन में अधिवक्ता षष्ठीदत्त जोशी के पुत्र मनोज जोशी की ओर से भी लालकुआं थाने में उक्त चौकी
इंचार्ज द्वारा की गयी मारपीट की शिकायत दी गयी है लेकिन एक दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस जांच कर
रिपोर्ट दर्ज करने की बात कर रही है । महोदय उक्त पूरी घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लालकुआं
पुलिस प्रशासन अपने चौकी इंचार्ज द्वारा घटित की गयी गैर-जिम्मेदाराना कार्यवाही, अभद्र व्यवहार करने, ग्रामीणों से मारपीट व लाठीचार्ज करने, निर्दोर्षो को आरोपी बनाने की पूरी कार्यवाही के पक्ष में खड़ा है ।
महोदय तो क्या फिर यह मान लिया जाए कि लालकुआं पुलिस प्रशासन बिना किसी कोर्ट के आदेश के
विवादित भूमि पर एक पक्षीय कार्यवाही करने का अधिकार रखता है ? पुलिस कर्मियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की वीडियों बनाना अवैध है? चौकी इंचार्ज मनोज चौधरी किसी भी वीडियों बनाने वाले के साथ मारपीट, गाली गलौज, धमकाना आदि कर सकते हैं? चौकी इंचार्ज मनोज कुमार चौधरी के समक्ष कोई भी व्यक्ति सही बात नही रख सकता और यदि रखे तो पक्ष रखने वाले व्यक्ति को ही पुलिस कार्य में बाधा डालने का आरोपी उक्त मनोज कुमार चौधरी बना सकते हैं? महोदय यदि ऐसा है तो यह इस ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों के लिए बहुत खतरनाक बात है। ग्रामीणों ने गुण्डों, दबंगों, अपराधों पर नियंत्रण के लिए जिस चौकी की मांग की थी उसी चौकी का इंचार्ज यदि गुण्डों जैसा व्यवहार करे तो फिर जनता पुलिस को अपना मित्र कैसे मानेगी।
महोदय उक्त इंचार्ज को पहले भी इस तरह गैर-जिम्मेदाराना कार्यवाही, अभद्र व्यवहार, गाली-गलौज,
आधीरात में बिना सबूत के छापेमारी कर लोगों में दहशत फैलाने, आरोपियों को खुलेआम पीटने, अपनी मांग उठाने
वाली जनता को धमकाने जैसे मामलों में देखा गया है ।
महोदय पुलिस कर्मियों का जनता के प्रति संवेदनशील व्यवहार होना चाहिये न कि पुलिस आम जनता के साथ ऐसा व्यवहार करे कि जनता को ही अपराधी बना ले ।
मांग की गई कि-
1– उक्त चौकी इंचार्ज के खिलाफ लालकुआं कोतवाली में दी गयी शिकायत पर तत्काल कार्यवाही की जाए।
2- उक्त चौकी इंचार्ज की जांच की जाए। यदि जांच में उक्त चौकी इंचार्ज की गलती नजर आती है तो
उनको सस्पेंड किया जाए।
3 – उक्त चौकी इंचार्ज का तत्काल ट्रांसफर करके कोई ईमानदार, संवेदनशील, जिम्मेदार चौकी इंचार्ज
को नियुक्त किया जाए ।
प्रतिनिधिमंडल में भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य बहादुर सिंह जंगी, जिला सचिव डॉ कैलाश पांडेय, विमला रौथाण, ललित मटियाली, कमल जोशी, धीरज कुमार, मनोज जोशी, राम सिंह, सुंदर सिंह बोरा, शिव सिंह, सुरेंद्र आदि शामिल रहे ।