देहरादून- राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आज भारतीय सैन्य अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में शामिल हुए जहां उन्होंने परेड की सलामी ली। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि जनरल बिपिन रावत एक असाधारण सेनानायक थे,और उनकी मृत्यु एक ऐसा शून्य पैदा करती है जिसे भरा नहीं जा सकता।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम आज यहां एकत्र हुए हैं जब देश को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन के सदमे से बाहर आना बाकी है। उत्तराखंड उनका घर था और उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षित किया गया था। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में उन्हें उनके असाधारण कौशल के लिए स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया गया था।

कहा कि जनरल रावत ने उस भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) का गौरव बढ़ाया है जो एक प्रेरक परंपरा को आगे बढाने वाली संस्था है। उनसे पहले फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और कई अन्य असाधारण योद्धाओं और रणनीतिकारों ने यहां युवा कैडेटों और संभावित नेताओं के रूप में अपनी सेवा यात्रा शुरू की। उनमें से कुछ ने हमारे देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शीघ्र ही पराक्रम और बुद्धिमत्ता वाले अपने विशिष्ट जीवन की यात्रा पर निकलने वाले जेंटलमैन कैडेट आने वाले समय में इस अकादमी की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारा महान राष्ट्र जिस प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहा है, वे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर एक जटिल सुरक्षा वातावरण द्वारा परिभाषित हैं। इसलिए कैडेटों को यह ध्यान रखना चाहिए कि मात्र शारीरिक और मानसिक दृढ़ता ही उन्हें देश के लिए आधुनिक समय के खतरों से निपटने के लिए तैयार नहीं करेगी। सैन्य नायकों के रूप में, उन्हें अपने आप में एक रणनीतिक मानसिकता विकसित करने के साथ ही एक परिवेश के अनूरूप स्वभाव विकसित करना होगा और सैन्य नेतृत्व के लिए आवश्यक कौशल को सुधारने के लिए आवश्यक मानसिक लचीलापन भी हासिल करना होगा।

बता दें की इस पासिंग आउट परेड में अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, तंजानिया, तुर्कमेनिस्तान और वियतनाम के मित्र देशों के जेंटलमैन कैडेट्स भी पास आउट हुए जिस पर उन्होंने कहा कि हम अपने मित्र राष्ट्रों के बीच विशेष बंधन को संजो कर रखते हैं, और यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि मित्र देशों के ऐसे अच्छे अधिकारी और जेंटलमेन आज यहां से स्नातक हो रहे हैं।